कम चीनी खाने के फायदे

हम सभी जानते हैं की आधी से ज़्यादा बीमारी की जड़ चीनी होती है और अगर हम चीनी का सेवन कम कर दे तो बहुत सी बिमारियों से बचा जा सकता है, आइए आगे पढ़ते हैं की कम चीनी खाने से या फिर न खाने से हमारे शरीर में क्या बदलाव आते हैं और कौनसी बीमारियां ठीक होने  लगती हैं।

चीनी न खाने से आपकी एजिंग कम होने  लग जाती है

एक शोध के अनुसार जोकि करीब ६०० लोगों पर किया गया था उसमे ये पाया गया की जिन लोगों की ब्लड शुगर ज़्यादा है उनकी त्वचा ज्यादा बेजान और रखी होती है और इससे उम्र काफी बढ़ी हुई लगती है और जो लोग चीनी कम खाते  हैं या फिर खाते  ही नहीं हैं उनकी त्वचा अच्छी होती है और उनकी उम्र काम लगने लगती है क्योनी त्वचा में आ जाती है और आजकल इतना प्रदुषण हो रहा तो  शरीर का ज़्यादा ख्याल रखना पड़ेगा वह भी बस  नहीं बल्कि आने   बदलाव करके।

तो अगर हम चीनी का सेवन कम कर दें तो ग्लाइसेशन के प्रोसेस को कम कर सकते हैं।

चीनी कम करके वजन घटाएं

अगर आप अपने बड़े हुए वजन से परेशां यहीं और काफी कोशिशों के बाद भी का नहीं कर प रहें है तो ये उपाय भी आजमा कर देख ले क्योंकि इससे आपको जरूर फायदा मिलेगा. बस आपको ये करना है की अपनी रोजमर्रा के ज़िन्दगी में छोटा सा बदलाव करना है और वह बदलाव है चीनी से नाता तोड़ना है और बस चीनी कहना छोड़कर अपने वजन को बड़े आराम से घटायें ये बात की पुष्टि एक शोध ने भी कर दी है की जो लोग अपनी डाइट में काम चीनी लेते हैं और लो फैट डाइट फॉलो करते हैं उनका वजन उन लोगों की तुलना में फिट रहते हैं जो की ज़्यादा चीनी लेते हैं।

अनिंद्रा की बीमारी को दूर  करे

क्या आप जानते हैं की चीनी की मात्रा खून में ज़्यादा होने से अनिद्रा की समस्या होती है। लेकिन इस बीमारी से बचा जा सकता है और बस आपको ये करना है है की चीनी का सेवन काम से काम कर दें और अगर ज़्यादा कुछ न कर सकें तो सोने से दो तीन घंटी पहले चीनी या फिर मीठे न खाएं इससे आपको अच्छी आएगी। 

कम चीनी खाने से शारीरिक क्रिया ठीक होती है।

अगर आप कम चीनी का सेवन करते हैं तो आपकी इंटेस्टाइन के साथ अन्य भाग भी अच्छे से काम करते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप कम चीनी खाते हैं तो आपका पाचन तंत्र अच्छा काम करता है और इसके साथ ग्लूकोस का लेवल भी नियंत्रित रहता है जोकि शारीरिक क्रियाओं को सही ढंग से काम करने में मदद करता है.
कम चीनी खाने से आप कम बीमार पड़ते हैं।

 ह्रदय, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियां इसलिए होती हैं क्योंकि जब शरीर में क्रोनिक इनफ्लेमेशन का लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है और नियंत्रण से बहार होने लगता है तो शरीर में ऐसी दिक्कतें आने लगती हैं और समान्य से अधिक मात्रा में चीनी का सेवन इनफ्लेमेशन को बढ़ता है. विशेषज्ञों के अनुसार चीनी और आटा क्रोनिक इंफ्लेमेशन का सबसे बड़ा कारण है और एक शोध में ये पाया  गया है की औसतन अमेरिकन एक साल में १४० पौंड का अधिक चीनी और १३३ पौंड से अधिक आटा का सेवन करता है जिसकी वजह से वहां के लोगों को बीपी, शुगर और आर्थरिटीस जैसी बीमारियां होती हैं।

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